Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2016 · 1 min read

*दर्द*

आधार छंद =आनंदवर्धक
मापनी =2122 2122 212
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
दर्द में भी मुस्कुराना आ गया
आँख में आँसू छिपाना आ गया
~~~~~~~~~~~~~~~~~
नफरतों को दिल ‘से ‘सारी भूल कर
प्रीत के ही गीत गाना आ गया
~~~~~~~~~~~~~~~~
बचपनों की देख कर अठखेलियाँ
याद फिर गु़जरा जमाना आ गया
~~~~~~~~~~~~~~~~~
उलझनें दिल से हमारे मिट गयी
आज फिर मौसम सुहाना आ गया ~~~~~~~~~~~~~~~~~
ज़िंदगी में अब नहीँ हैं आंधियाँ
मुश्किलों से पार पाना आ गया

1 Comment · 620 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

एक  दूजे के जब  हम नहीं हो सके
एक दूजे के जब हम नहीं हो सके
Dr Archana Gupta
निजता के इस दौर में,
निजता के इस दौर में,
sushil sarna
तेरी आंखों में देखा तो पता चला...
तेरी आंखों में देखा तो पता चला...
Sunil Suman
* जिन्दगी की राह *
* जिन्दगी की राह *
surenderpal vaidya
പക്വത.
പക്വത.
Heera S
ये ध्वज को नहीं झुकने दूंगा...
ये ध्वज को नहीं झुकने दूंगा...
TAMANNA BILASPURI
4182💐 *पूर्णिका* 💐
4182💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
महकता इत्र
महकता इत्र
BIPIN KUMAR
एक अलग ही खुशी थी
एक अलग ही खुशी थी
Ankita Patel
संघर्ष
संघर्ष
अश्विनी (विप्र)
आदि ब्रह्म है राम
आदि ब्रह्म है राम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कितना   भी   कर   लो   जतन
कितना भी कर लो जतन
Paras Nath Jha
इज़्जत भरी धूप का सफ़र करना,
इज़्जत भरी धूप का सफ़र करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन जीने का ढंग - रविकेश झा
जीवन जीने का ढंग - रविकेश झा
Ravikesh Jha
दोहा
दोहा
Shriyansh Gupta
जो संघर्ष की राह पर चलते हैं, वही लोग इतिहास रचते हैं।।
जो संघर्ष की राह पर चलते हैं, वही लोग इतिहास रचते हैं।।
Lokesh Sharma
यू इतनी जल्दी कोई भी सो नही सकता,
यू इतनी जल्दी कोई भी सो नही सकता,
ललकार भारद्वाज
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
ज़ब घिरा हों हृदय वेदना के अथाह समुन्द्र से
ज़ब घिरा हों हृदय वेदना के अथाह समुन्द्र से
पूर्वार्थ
शिव अवतारी केसरी नंदन -भजन -रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
शिव अवतारी केसरी नंदन -भजन -रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
Sunita
एहसान
एहसान
Kshma Urmila
भाव गणित
भाव गणित
Shyam Sundar Subramanian
"छुट्टी का दिन, सुहाना मौसम, एक नए दिन की शुरुआत और नकारात्म
*प्रणय प्रभात*
बाल दिवस पर बच्चों की विवशता
बाल दिवस पर बच्चों की विवशता
Ram Krishan Rastogi
"नेवला की सोच"
Dr. Kishan tandon kranti
होली में अश्लीलता भी आज कल बेजोड़ है।
होली में अश्लीलता भी आज कल बेजोड़ है।
Rj Anand Prajapati
sp55 भाभियाँ
sp55 भाभियाँ
Manoj Shrivastava
करू सब  प्रेम भाषा सँ ,
करू सब प्रेम भाषा सँ ,
DrLakshman Jha Parimal
*जीवन का सत्य*
*जीवन का सत्य*
Shashank Mishra
Loading...