नियमित बनाम नियोजित(मरणशील बनाम प्रगतिशील)
Sahil
दोहा में लय, समकल -विषमकल, दग्धाक्षर , जगण पर विचार...
Subhash Singhai
तपों की बारिश (समसामयिक नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
💐💐प्रेम की राह पर-13💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आज असंवेदनाओं का संसार देखा।
Manisha Manjari
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
काँच के रिश्ते ( दोहा संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तुम ख़्वाबों की बात करते हो।
Taj Mohammad
जाको राखे साईयाँ मार सके न कोय
Anamika Singh
विन मानवीय मूल्यों के जीवन का क्या अर्थ है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
धुआं उठा है कही,लगी है आग तो कही
Ram Krishan Rastogi
ऐसे तो ना मोहब्बत की जाती है।
Taj Mohammad
अश्रु देकर खुद दिल बहलाऊं अरे मैं ऐसा इंसान नहीं
VINOD KUMAR CHAUHAN
💐प्रेम की राह पर-33💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)