तेरी जिन्दगानी तो
तेरी जिन्दगानी तो, मेरी जैसी नहीं होगी।
तेरी कहानी तो,मेरी जैसी नहीं होगी।।
तेरी जिन्दगानी तो———————-।।
मिल जायेगी तुमको, सुविधाएं सारी।
होगी मुझसे ज्यादा, दौलत तुम्हारी।।
फिर भी तेरे चेहरे पर, हंसी नहीं होगी।
खुशी तेरी लेकिन, मेरी जैसी नहीं होगी।।
तेरी जिन्दगानी तो———————–।।
महफ़िल में होंगे तेरे, दोस्त हजार में।
लगे होंगे इश्तिहार, तेरे बाजार में।।
फिर भी तेरी इज्जत, कुछ नहीं होगी।
शान तेरी लेकिन, मेरी जैसी नहीं होगी।।
तेरी जिन्दगानी तो———————–।।
करोगे गुलामी तुम, पाने को मोहब्बत।
बेचोगे अपना घर, पाने को शौहरत।।
राह तेरी यह लेकिन , बर्बादी की होगी।
कीमत तेरी लेकिन, मेरी जैसी नहीं होगी।।
तेरी जिन्दगानी तो————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार –
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847