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20 Feb 2017 · 2 min read

****ज्ञान के सागर से भर लो गागर****

* गागर ‘मस्तिष्क’ है कहलाता,*
***’हिंदी व्याकरण’***
**ज्ञान का सागर कहा है जाता**
<<<<>>>>

*** अध्यापिका हूँ बच्चों की परेशानी भांप जाती हूँ |
कहाँ उन्हें है आती परेशानी जल्दी
पहचान जाती हूँ |

***आज तक के अनुभव से है यह पाया |
कहाँ लगाएँ ‘कि’ और ‘की’ बच्चों को आज तक नहीं समझ आया |

***पहली से बारहवीं तक के छात्रों का है यह हाल |
पता नहीं है ‘कि’ और ‘की’ का सही स्थान |

***नीरू कहती मत होना बच्चों कभी परेशान |
‘कि’ और ‘की’ की स्थिति पहचानने में कभी मत खाना मात |

*** ‘कि’ से पहले आता है हमेशा क्रिया शब्द याद रखना यह बात |
‘की’ को हमेशा लगाना संज्ञा और सर्वनाम के बाद |

****** ‘कि’ *****

***’कि’ एक संयोजक शब्द है कहलाता |
जोड़ता दो वाक्य और वाक्यांशों को और अपना स्थान है बनाता |

***वाक्य बनाते समय बनता है अगर कोई प्रश्न |
वहाँ ‘कि’ लग जाता है |
मुख्य वाक्य को आश्रित वाक्य से जोड़ देता है,
और अपना स्थान बनाता है|

***पहले वाक्य के अंत में और दूसरे वाक्य के प्रारंभ में लग जाता है |
इसका प्रयोग विभाजन के लिए या के स्थान पर भी किया जाता है |

****** ‘की’******

***’की’ के बाद स्त्रीलिंग शब्द का प्रयोग किया जाता है |
संज्ञा और सर्वनाम का किसी से संबंध जोड़ना हो ,
तो वहाँ ‘की’ लग जाता है |

***दो शब्दों को जोड़ने और संबंध स्थापित करने का कार्य भी ‘की’ ही करता है |

****’ताले की चाबी खो गई’
उदाहरण से पूर्ण स्पष्ट हो जाता है |ताले और चाबी का संबंध ‘की’
लगाकर जोड़ा जाता है |

***अगर रखोगे हमेशा यह बातें याद कभी नहीं भूलोगे ‘कि’ और ‘की’ का सही स्थान |

***छात्रों कभी भी न होना निराश |
***’नीरू’ करेगी हमेशा सुगम
हिंदी व्याकरण का ज्ञान तुम्हारे लिए आसान |
कभी न भूलना ‘कि’ और ‘की’ का सही स्थान |
याद रखना और सुदृढ़ बनाना हिंदी व्याकरण का ज्ञान |

Language: Hindi
Tag: कविता
526 Views

Books from डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी'

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