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10 Feb 2017 · 1 min read

जीवन

कैसा है यह जीवन,
कितने है यहाँ बंधन,
उलझे है यहाँ रिश्ते,
सुख चैन नहीं सस्ते,
क्यों बढ़ती है धड़कन,
कितनी है अब अनबन,
पग पग पर है संकट,
हर पहलू बनता विकट,
मन में भरी चंचलता,
तन में है शीतलता,
कब आएगी ख़ुशी की लहर,
बीत चुका बड़ा ही पहर,
फिर भी छाया है कोहरा,
उनसे रिश्ता है बड़ा ही गहरा,
धुंधली यादों में है एक चेहरा,
।।।।जेपीएल।।।।

Language: Hindi
Tag: कविता
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