Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

जीवन चक्र

पटरी पर दौड़ने वाली
लंबी सी रेलगाड़ी,
आज
माचिस की डिबिया सी
सटी पड़ी थी
पटरी से परे,
तर-पर।
कहीं हाथ था,
कहीं था पांव,
कहीं था धड़
मरहूम पड़ा।
दूर खड़ी भीड़
चीत्कार कर रही थी,
दहल उठा था
हृदय सभी का,
देख मौत का दारूण तांडव।
अट्टहास कर रहा था
प्रचंड काल,
लील कर अनगिन जानें।
लीपापोती में जुटा था
दीर्घदर्शी प्रशासन।
किसी का भाई,
किसी का बेटा,
किसी की माता,
किसी की बहन,
बन गए थे काल-ग्रास।
सरपट दौड़ती गाड़ी ने
रोक दिया जीवन-चक्र,
सावधानी जरा हटी थी,
दुर्घटना यह तभी घटी थी।

Language: Hindi
106 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
71
71
Aruna Dogra Sharma
स्त्रियों में ईश्वर, स्त्रियों का ताड़न
स्त्रियों में ईश्वर, स्त्रियों का ताड़न
Dr MusafiR BaithA
जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे
जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे
Shweta Soni
चौराहे पर....!
चौराहे पर....!
VEDANTA PATEL
3190.*पूर्णिका*
3190.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
Rahul Singh
दिल कहे..!
दिल कहे..!
Niharika Verma
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
शेखर सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ये कैसा घर है. . .
ये कैसा घर है. . .
sushil sarna
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
VINOD CHAUHAN
असमान शिक्षा केंद्र
असमान शिक्षा केंद्र
Sanjay ' शून्य'
खत
खत
Punam Pande
यूं ही नहीं मिल जाती मंजिल,
यूं ही नहीं मिल जाती मंजिल,
Sunil Maheshwari
बृद्ध  हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला।
बृद्ध हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मां शारदा की वंदना
मां शारदा की वंदना
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
बुंदेली दोहा -खिलकट (आधे पागल)
बुंदेली दोहा -खिलकट (आधे पागल)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भूतपूर्व (हास्य-व्यंग्य)
भूतपूर्व (हास्य-व्यंग्य)
Ravi Prakash
#देसी_ग़ज़ल
#देसी_ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
हसीन चेहरे पर बहकने वाले को क्या ख़बर
हसीन चेहरे पर बहकने वाले को क्या ख़बर
पूर्वार्थ
आओ कष्ट मिटा देंगे सारे बाबा।
आओ कष्ट मिटा देंगे सारे बाबा।
सत्य कुमार प्रेमी
आँख दिखाना आपका,
आँख दिखाना आपका,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
" माँ "
Dr. Kishan tandon kranti
ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं,
ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
देखें क्या है राम में (पूरी रामचरित मानस अत्यंत संक्षिप्त शब्दों में)
देखें क्या है राम में (पूरी रामचरित मानस अत्यंत संक्षिप्त शब्दों में)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
दिल अब
दिल अब
Dr fauzia Naseem shad
वेदनामृत
वेदनामृत
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
अकथ कथा
अकथ कथा
Neelam Sharma
Loading...