Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2023 · 1 min read

जीवन के दिन थोड़े

अहम भले हो लाख करोड़ों,
पर औकात शून्य से भी कम।
यह गिनती नर समझ न पाया,
इस कारण सहता है गम।

सन्त कबीरा वचन सुनाया,
ज्यादा मत तू चुलबुला।
बस इतना अस्तितव है तेरा,
ज्यों पानी का बुलबुला।

चंदा के संग टिम टिम करते,
तारे रजनी भर इतरात।
सब विलुप्त हो जाते पल में,
जब भी हो जाता प्रभात।

मद के कारण कुल संग मिट गया,
सब तप पूण्य गवांता।
रावण में यदि अहम न होता,
देव तुल्य पूजा पाता।

करें विचार अहम को त्यागें,
हरि से नाता जोड़े।
जो दिखता सब मिट जायेगा,
जीवन के दिन थोड़े।

-सतीश सृजन, लखनऊ.

Language: Hindi
296 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Satish Srijan
View all
You may also like:
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कोई जिंदगी में यूँ ही आता नहीं
कोई जिंदगी में यूँ ही आता नहीं
VINOD CHAUHAN
23/161.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/161.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख़ामोशी
ख़ामोशी
Dipak Kumar "Girja"
अपनी कद्र
अपनी कद्र
Paras Nath Jha
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
आज बुढ़ापा आया है
आज बुढ़ापा आया है
Namita Gupta
पत्नी   से   पंगा   लिया, समझो   बेड़ा  गर्क ।
पत्नी से पंगा लिया, समझो बेड़ा गर्क ।
sushil sarna
बम बम भोले
बम बम भोले
gurudeenverma198
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
ज़िंदा दोस्ती
ज़िंदा दोस्ती
Shyam Sundar Subramanian
National Cancer Day
National Cancer Day
Tushar Jagawat
- वह मूल्यवान धन -
- वह मूल्यवान धन -
Raju Gajbhiye
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय प्रभात*
"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
*जीवनदाता वृक्ष हैं, भरते हम में जान (कुंडलिया)*
*जीवनदाता वृक्ष हैं, भरते हम में जान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वक़्त
वक़्त
Dinesh Kumar Gangwar
चल रही हूँ मैं ,
चल रही हूँ मैं ,
Manisha Wandhare
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
ओसमणी साहू 'ओश'
🌻    Stay Motivate  🌻
🌻 Stay Motivate 🌻
पूर्वार्थ
डर के आगे जीत।
डर के आगे जीत।
Anil Mishra Prahari
बदलाव जरूरी है
बदलाव जरूरी है
Surinder blackpen
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
Jogendar singh
मर्म का दर्द, छिपाना पड़ता है,
मर्म का दर्द, छिपाना पड़ता है,
Meera Thakur
भाग्य प्रबल हो जायेगा
भाग्य प्रबल हो जायेगा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रकृति हर पल आपको एक नई सीख दे रही है और आपकी कमियों और खूब
प्रकृति हर पल आपको एक नई सीख दे रही है और आपकी कमियों और खूब
Rj Anand Prajapati
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" - "श्मशान वैराग्य"
Atul "Krishn"
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
दीवाली शुभकामनाएं
दीवाली शुभकामनाएं
kumar Deepak "Mani"
मृतशेष
मृतशेष
AJAY AMITABH SUMAN
Loading...