Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2021 · 2 min read

इंतजार से बेहतर है कोशिश करना

धीरूभाई अम्बानी किसी अर्जेंट मिटिगं करने जा रहे थे।

राह में एक भयंकर तूफ़ान आया , ड्राइवर ने अम्बानी से पूछा — अब हम क्या करें?

अम्बानी ने जवाब दिया — कार चलाते रहो.

तूफ़ान में कार चलाना बहुत ही मुश्किल हो रहा था, तूफ़ान और भयंकर होता जा रहा था. अब मैं क्या करू ? — ड्राइवर ने पुनः पूछा.

कार चलाते रहो. — अम्बानी ने पुनः कहा.

थोड़ा आगे जाने पर ड्राइवर ने देखा की राह में कई वाहन तूफ़ान की वजह से रुके हुए थे……

उसने फिर अम्बानी से कहा — मुझे कार रोक देनी चाहिए…….मैं मुश्किल से देख पा रहा हुं!!…….

यह भयंकर है और प्रत्येक ने अपना वाहन रोक दिया है…….

इस बार अम्बानी ने फिर निर्देशित किया — कार रोकना नहीं. बस चलाते रहो….

तूफ़ान ने बहुत ही भयंकर रूप धारण कर लिया था किन्तु ड्राइवर ने कार चलाना नहीं छोड़ा……….

और अचानक ही उसने देखा कि कुछ साफ़ दिखने लगा है………

कुछ किलो मीटर आगे जाने के पश्चात ड्राइवर ने देखा कि तूफ़ान थम गया और सूरज निकल आया……

अब अम्बानी ने कहा — अब तुम कार रोक सकते हो और बाहर आ सकते हो……..

चालक ने पूछा — पर अब क्यों?

अम्बानी ने कहा — जब तुम बाहर आओगे तो देखोगे कि जो राह में रुक गए थे, वे अभी भी तूफ़ान में फंसे हुए हैं…..

चूँकि तुमने कार चलाने का प्रयत्न नहीं छोड़ा, तुम तूफ़ान के बाहर हो……

यह किस्सा उन लोगों के लिए एक प्रमाण है जो कठिन समय से गुजर रहे हैं………

मजबूत से मजबूत इंसान भी प्रयास छोड़ देते हैं……..किन्तु प्रयास कभी भी छोड़ना नहीं चाहिए…….

निश्चित ही जिन्दगी के कठिन समय गुजर जायेंगे और सुबह के सूरज की भांति चमक आपके जीवन में पुनः आयेगी…….!!

ऐसा नहीं है की जिंदगी बहुत छोटी है। दरअसल हम जीना ही बहुत देर से शुरू करते हैं!!!

Language: Hindi
Tag: कहानी
367 Views
You may also like:
मुकद्दर।
मुकद्दर।
Taj Mohammad
झरना
झरना
Satish Srijan
स्वयं में एक संस्था थे श्री ओमकार शरण ओम
स्वयं में एक संस्था थे श्री ओमकार शरण ओम
Ravi Prakash
तुम्हीं पे जमी थीं, ये क़ातिल निगाहें
तुम्हीं पे जमी थीं, ये क़ातिल निगाहें
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ विश्व एक परिवार
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ विश्व एक परिवार
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
निशांत 'शीलराज'
धन की देवी
धन की देवी
कुंदन सिंह बिहारी
दूर तक साथ थी
दूर तक साथ थी
Dr fauzia Naseem shad
हाँ, मैं ऐसा तो नहीं था
हाँ, मैं ऐसा तो नहीं था
gurudeenverma198
#लघु_कविता :-
#लघु_कविता :-
*Author प्रणय प्रभात*
*!* कच्ची बुनियाद जिन्दगी की *!*
*!* कच्ची बुनियाद जिन्दगी की *!*
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
नासूर का इलाज़
नासूर का इलाज़
Shekhar Chandra Mitra
संत नरसी (नरसिंह) मेहता
संत नरसी (नरसिंह) मेहता
Pravesh Shinde
ਦਿਲ  ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ  ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
ਦਿਲ ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
Surinder blackpen
बेशरम रंग
बेशरम रंग
मनोज कर्ण
🌸हे लोहपथगामिनी 🌸🌸
🌸हे लोहपथगामिनी 🌸🌸
Arvina
*मुकम्मल तब्दीलियाँ *
*मुकम्मल तब्दीलियाँ *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐अज्ञात के प्रति-30💐
💐अज्ञात के प्रति-30💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बात ! कुछ ऐसी हुई
बात ! कुछ ऐसी हुई
अशोक शर्मा 'कटेठिया'
"गर्वित नारी"
Dr Meenu Poonia
'राम-राज'
'राम-राज'
पंकज कुमार कर्ण
यह तस्वीर कुछ बोलता है
यह तस्वीर कुछ बोलता है
राकेश कुमार राठौर
अपनी सीमाओं को लान्गां तो खुद को बड़ा पाया
अपनी सीमाओं को लान्गां तो खुद को बड़ा पाया
कवि दीपक बवेजा
शौक मर गए सब !
शौक मर गए सब !
ओनिका सेतिया 'अनु '
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव देता है,
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव...
Shubham Pandey (S P)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
शांत मन भाव से बैठा हुआ है बावरिया
शांत मन भाव से बैठा हुआ है बावरिया
Buddha Prakash
दुर्गा पूजा विषर्जन
दुर्गा पूजा विषर्जन
Rupesh Thakur
एक मुक्तक....
एक मुक्तक....
डॉ.सीमा अग्रवाल
// जिंदगी दो पल की //
// जिंदगी दो पल की //
Surya Barman
Loading...