ज़मानें हुए जिसको देखे हुए।
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ज़मानें हुए जिसको देखे हुए।
वो नज़र भी कहीं आता नहीं हैं।।
मेरी रूह में अभी भी बसा है।
दिल जिसे कभी भूलता नहीं हैं।।1।।
कोशिशें तो हमनें की है बहुत।
चाहत का निशा मिटता नहीं है।।
दुआयें भी अब मैं करता नहीं।
ये खुदा भी मेरी सुनता नहीं है।।2।।
मत पूंछो हमसे आशिकी का।
ये नशा दिलसे उतरता नहीं है।।
खुदकुशी नहीं ये दीवानगी है।
परवाना ऐसे तो जलता नहीं है।।3।।
शराबी ना कहो उस शख्स को।
मैकदे में शौक से जाता नहीं है।।
दर्दे मोहब्बत है उसके सीने में।
नशे में कुछ याद आता नहीं है।।4।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ