जमाने की अगर कह दूँ, जमाना रूठ जाएगा ।
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जमाने की अगर कह दूँ, जमाना रूठ जाएगा ।
खिलौना काच का है ये, खिलौना टूट जाएगा ।
किसी की बात पर करना, भरोसा खुद को छलना है-
यहाँ सब कागजी कश्ती, जो बैठा डूब जाएगा ।
अशोक दीप
जयपुर
जमाने की अगर कह दूँ, जमाना रूठ जाएगा ।
खिलौना काच का है ये, खिलौना टूट जाएगा ।
किसी की बात पर करना, भरोसा खुद को छलना है-
यहाँ सब कागजी कश्ती, जो बैठा डूब जाएगा ।
अशोक दीप
जयपुर