*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
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छ्त्तीसगढ़ी गीत
हमरो ये जिनगी बन जाही
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हमरो ये जिनगी बन जाही ।
सुघ्घर नवा बिहनिया आही ।।
कुहकत कोइली मनला मोहे।
महकत बगिया सबला सोहे।
नेक हमर दुनिया बन जाही ।।
हमरो ये जिनगी ……..
हिरदे के पीरा ला मन हा मानथे।
सुख दुख ला जन जन हा जानथे।
देख खुसी के संगी सगरी बन जाही ।।
हमरो ये जिनगी …….
अंधियारी अंजोरी सिरतोन लबारी।
बंधाय रथे मया पीरित के चिंहारी ।
सिरतोन सुनता के दिन बादर बन जाही ।
हमरो ये जिनगी ……..
…….✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
19-01-2024शुक्रवार