चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ,
नव संवत्सर की शुरुआत
प्रकृति का पर्व हैं ,
नई कोपले आने का
नया सवेरा होने का ,
नया परिवर्तन लाने का
शुभ संकल्प लेने का ,
नया रचनात्मक करने का
अंधकार को मिटाने का,
नई शक्ति पाने का ,
कड़वी नीम से स्वस्थ रहने का
पतझड़ मौसम से धरती का सजने का
प्रकृति के बदलाव से जीवन चलाने का
ऋतुओं का परिवर्तन वह खुशियों की खुशबू हैं
पेड़-पौधे , पशु-पक्षी , हवा-पानी हमारा प्राण है
घर में धन-धान्य भर गये
हर्षित हो गया किसान
नवं उमंग, नवं चेतना ,
आनंद हो सभी में
प्रकृति की रक्षा करेंगे
परिवर्तन का स्वागत करेंगे
सभी का आदर करेंगे
प्रेम करुणा का भाव जगाऐगें
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– राजू गजभिये