Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

** चीड़ के प्रसून **

@@@- स्वछंद कविता ——-

गगन घन स्पर्शी
चीड़ के पेड़
दृगों में चित्रित,
कौतुहल से
देखे प्रथम बार
कर रहे थे वृष्टि
आनंदरस की
जिसे संपुट खोलकर
पय कर रहा था,
हृदय मेरा |
गिरि से घिरी
सड़क पर आगे
एक नहीं, दो नही
बिखरे थे अनगिनत
नभ पिंड माणिक्य
अद्भुत प्रसून
“वे चीड़ के प्रसून” |
गिरी वक्ष पर शोभित
रेशम सदृश लघु केश
नरम हरित घास के
जिनमे कुछ प्रसून
पखलिप्त एकाकार
मानो शरीफा हो
सुनहले तृणमूल की दुशाल ओढ़े
छिपते जरा उभरते
अठखेलियाँ करते
कह रहे मुझसे
‘हम यहाँ हैं’
चुन लिए मैंने कुछ
विचित्राकर्षण लुभावने प्रसून
“वे चीड़ के प्रसून” |
अकिंचन स्मरण देव
अवनी, गगन, सृष्टि अभेद
कण, जन, वस्तु लिए निज धर्म
विषम विषम , हैं सभी विशेष
प्रमुदित मन, बिखरा आनंद
गहरा शांत, अति रमणीक
यह ताड़क वन
अद्भुत ईश तेरा हर लेख
होते हैं काठ के भी प्रसून
“वे चीड़ के प्रसून” |
वे चीड़ के प्रसून………………………
– स्वरचित (मौलिक) @@@ लक्ष्मण बिजनौरी (लक्ष्मीकान्त)

1 Like · 227 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मतवाला
मतवाला
Deepesh Dwivedi
मां का अछोर आँचल
मां का अछोर आँचल
Dr MusafiR BaithA
अब कष्ट हरो
अब कष्ट हरो
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
" यादें "
Dr. Kishan tandon kranti
हाँ, ये सच है
हाँ, ये सच है
हिमांशु Kulshrestha
तुम कहो कोई प्रेम कविता
तुम कहो कोई प्रेम कविता
Surinder blackpen
*हिंदी साहित्य में रामपुर के साहित्यकारों का योगदान*
*हिंदी साहित्य में रामपुर के साहित्यकारों का योगदान*
Ravi Prakash
हैंगर में टंगे सपने ....
हैंगर में टंगे सपने ....
sushil sarna
हाँ, बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें
हाँ, बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें
Saraswati Bajpai
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
कवि रमेशराज
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
SATPAL CHAUHAN
फिर एक कविता बनती है
फिर एक कविता बनती है
Vivek Pandey
"Becoming a writer is a privilege, but being a reader is alw
Manisha Manjari
23/164.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/164.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अकेली रही जिन्दगी
अकेली रही जिन्दगी
surenderpal vaidya
अच्छे दोस्त भी अब आंखों में खटकने लगे हैं,
अच्छे दोस्त भी अब आंखों में खटकने लगे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं कुछ दिन घर से दूर क्या गई , 😠
मैं कुछ दिन घर से दूर क्या गई , 😠
Karuna Goswami
11. *सत्य की खोज*
11. *सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
प्रेम की सबसे सुंदर अभिव्यक्ति
प्रेम की सबसे सुंदर अभिव्यक्ति
पूर्वार्थ
सब कुछ मिट गया
सब कुछ मिट गया
Madhuyanka Raj
मुख़्तसर   राब्ते   करे    सबसे ।
मुख़्तसर राब्ते करे सबसे ।
Dr fauzia Naseem shad
इंकलाब जिंदाबाद
इंकलाब जिंदाबाद
Khajan Singh Nain
मेरे शब्दों में जो खुद को तलाश लेता है।
मेरे शब्दों में जो खुद को तलाश लेता है।
Manoj Mahato
दोहरा छंद, विधान ( सउदाहरण ) एवं विधाएँ
दोहरा छंद, विधान ( सउदाहरण ) एवं विधाएँ
Subhash Singhai
_ऐ मौत_
_ऐ मौत_
Ashwani Kumar Jaiswal
मुस्कुराता जीवन
मुस्कुराता जीवन
Santosh kumar Miri
विश्वास
विश्वास
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
விடிந்தும்
விடிந்தும்
Otteri Selvakumar
झुकता हूं.......
झुकता हूं.......
A🇨🇭maanush
Lonely is just a word which can't make you so,
Lonely is just a word which can't make you so,
Chaahat
Loading...