चलो आज कुछ बात करते है
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चलो आज कुछ बात करते है
एक दूसरे की आँखों मे आँखे डाल सुबह से साम करते हैं
कोई मर्ज हैं जो बताना चाहते हो
या कोई गम हैं जो भूलना चाहते हो
जो कुछ भी है उसका समाधान करते हैं
चलो आज कुछ बात करते है
बहुत दिन हुए एक दूसरे से ये सवाल किये हुए
की बिन बताए किसी को सारी मुस्किल
कैसे हम सारी उलझनों को आसान करते है
चलो आज कुछ बात करते है
आज सारा काम छोड़ देते है
एक दूसरे की और ध्यान रखते है
जिंदगी की कठिनाइयों का विचार करते है
चलो आज कुछ काम करते है
तुमने क्या खोया हमने क्या पाया
ये दिल कब कब किसको याद कर के रोया
सारे किस्से को आज हम अपने आबाद करते है
चलो आज कुछ बात करते हैं
हमारे हर आँशु को परे है ये जमाना
क्यो और कितनी खूबसूरत हैं ये अपना रिस्ता
चलो तसल्ली से इस पर विचार करते है
चलो आज कुछ बात करते हैं
एक दूसरे की आँखो मे आँखे डाल कर
सुबह से शाम करते हैं
ऋतुराज वर्मा