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16 Aug 2022 · 1 min read

घडी़ की टिक-टिक⏱️⏱️

घडी़ की टिक-टिक भी,
हमें बहुत कुछ सिखलाती है,
जीवन की चिक-चिक में,
चलना बतलाती है ।

रुकना ना जिंदगी की दौड़ में कभी,
भटकना मत भौतिक चकाचौंध मैं ।
वक्त के साथ कदम मिलाकर,
चलना सिखलाती है।

आऐंगे जीवन में अवरोध बहुत,
घबराना न मुश्किलों में कभी ।
जीवन में नित नये संघर्ष खडे़ ,
कर विवेक का उपयोग सही ।।

टिक-टिक की तरह ठहर क्षण भर,
नये उत्साह से फिर आगे बढ़ ।
दूर हो जाऐगी व्याधियां सारी,
साहस, संयम से आगे बढ़ ।।

डां. अखिलेश बघेल
दतिया (म.प्र.)

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 165 Views
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