गले से लगा ले मुझे प्यार से
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/68af1fa83cbeccb0766054d1c9124ca8_4be53c3b11d9de10d80d716e48ef60d7_600.jpg)
दुनियाँ से आया मैं, तेरी शरण हार के
बुलाले, माँ प्यार से पुकार के – पुकार के
गले से लगा ले मुझे प्यार से।
गोदी में बिठा ले मुझे प्यार से।।
तूही है इस जग की माँ, तुम्हे पुजति सारा जहाँ
आस लगाकर आया मैं, आस पुरादे मेरी माँ
जाऊ कहाँ, हे अम्बे माँ
रोते मै आया, तेरी शरण हार के
बुलाले, माँ प्यार से पुकार के – पुकार के
गले से लगा ले मुझे प्यार से।
गोदी में बिठा ले मुझे प्यार से।।
जग की एक खेबैया तू, पार लगा दे नैया तू
मुझे सहारा दे दो माँ, मेरी एक सहारा तू
कर दे आज, किनारा तू
जपते “बसंत” आया, नाम तेरे द्वार पे
बुलाले, माँ प्यार से पुकार के – पुकार के
गले से लगा ले मुझे प्यार से।
गोदी में बिठा ले मुझे प्यार से।।
✍️ बसंत भगवान राय
(धुन: टूट गई चूड़ियां कलाई में)