Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2022 · 1 min read

गरीबक जिनगी (मैथिली कविता)

#दिनेश यादव

कहियो नूनतेल,
कहियो लत्ताकपडा,
दबाईकें जोगाड त लगेबाक अइछे,
पवनिकें तयारी त चलिते रहैक छैक,
बेटीक बिदागरी सेहो आबि जाइत छैक,
सनेसबारीमें चंगेरा भरबाक छइहें,
एक खड साडी,
धोती आ कुर्ताके त देबाक परम्परे छैक ।

बौआबुच्चीके शनिचराक लेल,
चउरक इन्तजाम त भँ जाइत छैक,
गुरुदेवक दक्षिणाक चौवन्नीके लेल,
पसिना छुटैट छैक,
सुपारीक जोगाड मे,
मौनीभरि धान लए दोकान दौडबाक अइछे,
फाहमें सक्कर त मांगैह पडैत छैक ।

अगहनमें भरल कोठी,
पुसमे खुलि जाइत छैक,
माथपर भरि पथियाँ धान
लए बजार जेबाके छईहे,
चारि आना बेसी मोल भेटक की ?,
ताहिलेल एक चट्टी सँ दोसर,
आ तेसरमें दौड लगेबाक वाध्यता छैक ।

चुल्ही पर आँच,
अनियमित भेला महिनों भँ गेल छैक,
कहियो बौआ भुखले, कहियो बृद्ध म्या आ बाबु,
ओहिना सुति रहैत छैक,
मालिक हौ, अन्न दहक,
गरीबकें बेर–बेर लेहारा करैइये पडैय छैक,
एक गोटा गरिबक जिनगी अहिना चलैत छैक ।

Language: Maithili
2 Likes · 80 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#आज_की_बात
#आज_की_बात
*Author प्रणय प्रभात*
मुहब्बत के शहर में कोई शराब लाया, कोई शबाब लाया,
मुहब्बत के शहर में कोई शराब लाया, कोई शबाब लाया,
डी. के. निवातिया
रहस्यमय तहखाना - कहानी
रहस्यमय तहखाना - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐Prodigy Love-30💐
💐Prodigy Love-30💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पल भर में बदल जाए
पल भर में बदल जाए
Dr fauzia Naseem shad
तूणीर (श्रेष्ठ काव्य रचनाएँ)
तूणीर (श्रेष्ठ काव्य रचनाएँ)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
Prabhu Nath Chaturvedi
मुहब्बत  फूल  होती  है
मुहब्बत फूल होती है
shabina. Naaz
शेरू
शेरू
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आईना
आईना
डॉ प्रवीण ठाकुर
सब कुछ हमारा हमी को पता है
सब कुछ हमारा हमी को पता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
इन बादलों की राहों में अब न आना कोई
इन बादलों की राहों में अब न आना कोई
VINOD KUMAR CHAUHAN
भूख से वहां इंसा मर रहा है।
भूख से वहां इंसा मर रहा है।
Taj Mohammad
कहानी *
कहानी *"ममता"* पार्ट-5 लेखक: राधाकिसन मूंधड़ा, सूरत।
Radhakishan Mundhra
अच्छा है तू चला गया
अच्छा है तू चला गया
Satish Srijan
नदियां जो सागर में जाती उस पाणी की बात करो।
नदियां जो सागर में जाती उस पाणी की बात करो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
लौ
लौ
Dr. Seema Varma
बाहर जो दिखती है, वो झूठी शान होती है,
बाहर जो दिखती है, वो झूठी शान होती है,
लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर''
फाइल की व्यथा
फाइल की व्यथा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अज़ीब था
अज़ीब था
Mahendra Narayan
मरहम नहीं बस दुआ दे दो ।
मरहम नहीं बस दुआ दे दो ।
Buddha Prakash
वो चांद देखता है जरूर ,
वो चांद देखता है जरूर ,
Harshit Nailwal
संबंधों के पुल के नीचे जब,
संबंधों के पुल के नीचे जब,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सुकरात के मुरीद
सुकरात के मुरीद
Shekhar Chandra Mitra
जिंदगी जीने का सबका अलग सपना
जिंदगी जीने का सबका अलग सपना
कवि दीपक बवेजा
कतिपय दोहे...
कतिपय दोहे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
पिता की नियति
पिता की नियति
Prabhudayal Raniwal
जब नयनों में उत्थान के प्रकाश की छटा साफ दर्शनीय हो, तो व्यर
जब नयनों में उत्थान के प्रकाश की छटा साफ दर्शनीय हो, तो व्यर
Nav Lekhika
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
Wo mitti ki aashaye,
Wo mitti ki aashaye,
Sakshi Tripathi
Loading...