सूने सूने से लगते हैं
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/a841d25d52320712d53816577fb41fa9_b26595ec00e8b2867add46df9acf3206_600.jpg)
गए हो जबसे वे गलियां चौबारे सूने सूने से लगते हैं
करते थे जहां अटखेलियां चौराहेभी सूने सूने से लगते हैं
आ भी जाओ अब बहुत दिन हो चले हैं मिले हुए तुमसे
संजोए स्मृतियों विगत हर पथ सूने सूने से लगते हैं
इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
9425822488