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5 Oct 2022 · 1 min read

खुशी (#Happy)

खुसी खोज्न सहर जान्छु,
खुसी हुन गाउँ फर्कन्छु,
आउजाउमा सधैं व्यस्त रहन्छु,
व्यस्तताले सहरमा उकुसमुकुस हुन्छु,
अविकसित गाउँमा भने निराश बन्छु ।१।
खुसी साट्न आफन्तजन खोज्छु,
खुसीकै रहरमा घर-घर पनि चहार्छु,
सबैतिर सबैलाई व्यस्त पाउँछु,
आ-आफ्नै पीडाले सबैलाई गाँजेको देख्छु,
परिवारमै परिवारलाई दुःखको पहाड खडा गरेको पाउँछु ।२।
खुसी खोज्दै महँगा पलङमा बस्छु,
खुसी भने बाँसको खटियामै हुन्छु,
गाउँ-गाउँ अब सहर बनेको देख्छु,
बिनाबाटोघाटोकै पक्की घर बनेको देख्छु,
हिलाम्य बाटोमा बाइक लड्दा धेरैलाई हाँसेको पाउँछु ।३।
खुसी खोज्न सहर जान्छु,
खुसी हुन गाउँ जान्छु,
विद्यालयमा हैन ट्युसनमा खचाखच देख्छु,
डिबिया-बोराकै सहारामा विद्यार्थी पाउँछु,
गुरूबाको सान अझै लौरोमै रहेको देख्छु ।४।
खुसी खोज्दै वर्षौं भौंतारी रहेछु,
खुसीकै लागि मटियामेट पनि हुँदै छु,
चर्को ब्याज रकममा गर्जो टार्नेलाई खुसी पाउँछु,
ब्याजी पैसा लगाउनेलाई मालामाल देख्छु,
ॠण पाउन हौंसली बोकी धेरैलाई यताउती दौडिरहेको पाउँछु।५।
खुसी खै कसोरी पो हुन्छु,
खुसी हुनेहरू थरीथरीको जो पाउँछु,
शिक्षितलाई अपराधी ठहर्‍याउँदा कथित ‘पञ्च’लाई खुसी देख्छु,
घर-घर झगडा लगाई पञ्चायतीमा रमाउनेहरू खुबै भेट्छु,
बिनालाइसेन्सको ‘न्यायाधीश’ बन्नेहरूको तछाडमछाड देख्छु ।६।@RajgadhPhakira #poor #poorpeople #poorlife #village #viral #poetry #poetrycommunity #nepalipoem

Language: Nepali
1 Like · 314 Views
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