खुद पर भी यकीं,हम पर थोड़ा एतबार रख।
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खुद पर भी यकीं,हम पर थोड़ा एतबार रख।
अपने साथ,आब-ए-चश्म का आबशार रख।।
जो मुकद्दर मे लिखा होगा, मिल ही जायेगा।
सब्र के साथ-साथ,थोड़ा-बहुत इंतजार रख।।
अदावत के हिमायती भी, दोस्त बन जायेंगे।
मिलनसार होकर,सबके साथ सरोकार रख।।
राह-ए-हयात के सफर में,यूं मंजिल मिलेगी।
खुद को आज हर तदबीर का, पैरोकार रख।।