■ बात बात में बन गया शेर। 😊
चाय की आदत
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
पाश्चात्य विद्वानों के कविता पर मत
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
*माता हीराबेन (कुंडलिया)*
“WHOM SHOULD WE MAKE OUR FACEBOOK FRIEND?”
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
नाराज़गी भी हमने अपनो से जतायी
अब कहां वो प्यार की रानाइयां।
अब तो ख़िलाफ़े ज़ुल्म ज़ुबाँ खोलिये मियाँ
मिलेगा हमको क्या तुमसे, प्यार अगर हम करें
*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
मणिपुर की घटना ने शर्मसार कर दी सारी यादें
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
*आस टूट गयी और दिल बिखर गया*
कुछ नींदों से ख़्वाब उड़ जाते हैं
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
धर्म का मर्म समझना है ज़रूरी