Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2016 · 1 min read

क्या आँच दे सकेंगे बुझते हुए शरारे

गुल सूख जाए हर इक या ग़ुम हों चाँद तारे
गाएंगे लोग फिर भी याँ गीत प्यारे प्यारे

ऐ अब्र! है बरसना तो झूमकर बरस जा
है गर महज़ टहलना तो फिर यहाँ से जा रे!

गोया के आ रहे हैं अब तक सँभालते ही
पागल नदी को फिर भी दिखते नहीं किनारे

डालो अलाव में जी! कुछ और अब जलावन
क्या आँच दे सकेंगे बुझते हुए शरारे

तुर्रा है यह के उल्फ़त ख़ंजर की धार सी है
और उसपे रक्स को हैं बेताब लोग सारे

वह बेल इश्क़ वाली सरसब्ज़ क्या रहेगी
ग़ाफ़िल रहेे जो तेरे शाने के ही सहारे

-‘ग़ाफ़िल’

326 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सावन साजन और सजनी
सावन साजन और सजनी
Ram Krishan Rastogi
✍️न जाने वो कौन से गुनाहों की सज़ा दे रहा है,
✍️न जाने वो कौन से गुनाहों की सज़ा दे रहा है,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
सागर-मंथन की तरह, मथो स्वयं को रोज
सागर-मंथन की तरह, मथो स्वयं को रोज
डॉ.सीमा अग्रवाल
लटकते ताले
लटकते ताले
Kanchan Khanna
पागल मन कहां सुख पाय ?
पागल मन कहां सुख पाय ?
goutam shaw
मांँ की सीरत
मांँ की सीरत
Buddha Prakash
इश्क मुकम्मल करके निकला
इश्क मुकम्मल करके निकला
कवि दीपक बवेजा
हे प्रभू !
हे प्रभू !
Shivkumar Bilagrami
कविता
कविता
Vandana Namdev
बेफिक्री की उम्र बचपन
बेफिक्री की उम्र बचपन
Dr Parveen Thakur
नहीं बचेगी जल विन मीन
नहीं बचेगी जल विन मीन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
त्योहार
त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोजख से वास्ता है हर इक आदमी का
दोजख से वास्ता है हर इक आदमी का
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मां के आंचल में
मां के आंचल में
Satish Srijan
जानते हैं जो सबके बारें में
जानते हैं जो सबके बारें में
Dr fauzia Naseem shad
गुरु
गुरु
Kavita Chouhan
संसद की दिशा
संसद की दिशा
Shekhar Chandra Mitra
भले हमें ना पड़े सुनाई
भले हमें ना पड़े सुनाई
Ranjana Verma
माँ अन्नपूर्णा
माँ अन्नपूर्णा
Shashi kala vyas
💐प्रेम कौतुक-341💐
💐प्रेम कौतुक-341💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ मजबूरी किस की...?
■ मजबूरी किस की...?
*Author प्रणय प्रभात*
आज के दौर
आज के दौर
Sudha Maurya
जीना है तो ज़माने के रंग में रंगना पड़ेगा,
जीना है तो ज़माने के रंग में रंगना पड़ेगा,
_सुलेखा.
🚩अमर कोंच-इतिहास
🚩अमर कोंच-इतिहास
Pt. Brajesh Kumar Nayak
“ हम महान बनने की चाहत में लोगों से दूर हो जाएंगे “
“ हम महान बनने की चाहत में लोगों से दूर हो जाएंगे “
DrLakshman Jha Parimal
Maine anshan jari rakha
Maine anshan jari rakha
Sakshi Tripathi
Religious Bigotry
Religious Bigotry
Mahesh Ojha
भेंट
भेंट
Harish Chandra Pande
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी सिंह
गर्दभ जी (बाल कविता)
गर्दभ जी (बाल कविता)
Ravi Prakash
Loading...