किसी नदी के मुहाने पर
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किसी नदी के मुहाने पर जाना
जब सब कुछ हाथ से छूट रहा हो
कुछ भी समझ ना आ रहा हो
समय का बन्द फिसलता जा रहा हो
तब किसी नदी के मुहाने पर जाना
लहरो को किनारों से टकराते हुए देखना
तुम को चुनौती से लडने की हिम्मत आएगी
जब तुम देखोगे लहरो को किनारों से टकराते हुए
ओर अपने निशा को किनारों पर छोड़ कर
पुनः दूगने वेग से लहरो को टकराते आते देख
तुम पाओगे
बार- बार हार कर पुनः प्रयास करना
बार- बार उठ खड़े होना
बार- बार एक उमंग और वेग से
डट कर चुनौतियों से भिड़ने की कला
जब सब कुछ हाथ से छूट रहा हो
कुछ भी समझ ना आ रहा हो
समय का बन्द फिसलता जा रहा हो
तब किसी नदी के मुहाने पर जाना
सुशील मिश्रा ( क्षितिज राज)