कानून हो दो से अधिक, बच्चों का होना बंद हो ( मुक्तक )
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/1870a38d0a29f24f4b672097788e35cb_2a9f72a7b2f3439d8206edb4e414ab39_600.jpg)
कानून हो दो से अधिक, बच्चों का होना बंद हो ( मुक्तक )
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
देश की बदहाल स्थिति, रोज रोना बंद हो
संसाधनों को सब्सिडी की, भेंट खोना बंद हो
करना अगर खुशहाल है, यह देश चरमोत्कर्ष पर
कानून हो दो से अधिक, बच्चों का होना बंद हो
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451