Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2022 · 2 min read

कहियो तऽ भेटब(भगवती गीत)

कहियो तऽ भेटब
(मैथिली भगवती गीत)
~~°~~°~~°
कखन अहां मिलब ,
कहियो तऽ भेटब।
शरण में जेऽ आयल छी तऽ,
कृपा तऽ करब।
निशि दिन हम ध्यान धरै छी ,
कहियो तऽ भेटब ।

जिनगी दुश्वार बनल अइ ,
लोग सभ अनचिन्हार जकाँ ।
निहारैत छी,छवि बस अहींकेऽ,
मैया, दया तऽ करब।

शरण में जेऽ आयल छी तऽ, कृपा तऽ करब ,
निशि दिन हम ध्यान धरै छी,कहियो तऽ भेटब।

राति में जेऽ निन्द नहिं आबऽ,
भविष्यक चिंता सताबेऽ।
थामि लिअ पतवार हाथ में ,
कोना मझधार मे छोड़ब ।

शरण में जेऽ आयल छी तऽ, कृपा तऽ करब ,
निशि दिन हम ध्यान धरै छी,कहियो तऽ भेटब।

कहैया जेऽ लोग हमरा सेऽ ,
कोना के ई जिंदगी कटतौ।
खेत-खलिहान आओर बाग-बगीचा,
किछु नै तऽ,संगे जैइतउ ।
पकड़ू अहां,हाथ हमर जेऽ ,
नैया,हमहुँ पार करब।

शरण में जेऽ आयल छी तऽ,कृपा तऽ करब ,
निशि दिन हम ध्यान धरै छी,कहियो तऽ भेटब।

साँस अछि जेऽ गिनल गुथल ,
ओहि में सभ काज निपटाएब।
छोड़ि देब हम,आगू केऽ चिंता ,
कनिए, आंखि जेऽ खोलब।

शरण में जेऽ आयल छी तऽ,कृपा तऽ करब ,
निशि दिन हम ध्यान धरै छी,कहियो तऽ भेटब।

पहुंचल छी दरबार अहां केऽ
अनुपम श्रृंगार अहां केऽ
महिमा अपरंपार अहां केऽ
मैया, दया तऽ करब…

भैरवी, दया तऽ करब…
काली, कृपा तऽ करब…
दुर्गे, कष्ट तऽ हरब…

शरण में जेऽ आयल छी तऽ,कृपा तऽ करब ,
निशि दिन हम ध्यान धरै छी,कहियो तऽ भेटब।

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ७ /१२/२०२२
मार्गशीर्ष, शुक्ल पक्ष,पुर्णिमा,बुधवार
विक्रम संवत २०७९
मोबाइल न. – 8757227201
ई-मेल – mk65ktr@gmail

4 Likes · 769 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all
You may also like:
विषय : बाढ़
विषय : बाढ़
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
न जमीन रखता हूँ न आसमान रखता हूँ
न जमीन रखता हूँ न आसमान रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
माँ दे - दे वरदान ।
माँ दे - दे वरदान ।
Anil Mishra Prahari
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"उम्मीद का दीया"
Dr. Kishan tandon kranti
गुजर जाती है उम्र, उम्र रिश्ते बनाने में
गुजर जाती है उम्र, उम्र रिश्ते बनाने में
Ram Krishan Rastogi
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
अपनी सूरत
अपनी सूरत
Dr fauzia Naseem shad
The Misfit...
The Misfit...
R. H. SRIDEVI
.........???
.........???
शेखर सिंह
जनता हर पल बेचैन
जनता हर पल बेचैन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
18, गरीब कौन
18, गरीब कौन
Dr .Shweta sood 'Madhu'
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
पूर्वार्थ
जिस आँगन में बिटिया चहके।
जिस आँगन में बिटिया चहके।
लक्ष्मी सिंह
बधाई का असली पात्र हर उस क्षेत्र का मतदाता है, जिसने दलों और
बधाई का असली पात्र हर उस क्षेत्र का मतदाता है, जिसने दलों और
*प्रणय प्रभात*
धन, दौलत, यशगान में, समझा जिसे अमीर।
धन, दौलत, यशगान में, समझा जिसे अमीर।
Suryakant Dwivedi
*सूने पेड़ हुए पतझड़ से, उपवन खाली-खाली (गीत)*
*सूने पेड़ हुए पतझड़ से, उपवन खाली-खाली (गीत)*
Ravi Prakash
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Dr Archana Gupta
आपकी आहुति और देशहित
आपकी आहुति और देशहित
Mahender Singh
एक फूल खिला आगंन में
एक फूल खिला आगंन में
shabina. Naaz
पाप पंक पर बैठ कर ,
पाप पंक पर बैठ कर ,
sushil sarna
की मैन की नहीं सुनी
की मैन की नहीं सुनी
Dhirendra Singh
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
Manisha Manjari
तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
Vishvendra arya
ख्वाबों में मिलना
ख्वाबों में मिलना
Surinder blackpen
स्थापित भय अभिशाप
स्थापित भय अभिशाप
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
मिलेगा हमको क्या तुमसे, प्यार अगर हम करें
मिलेगा हमको क्या तुमसे, प्यार अगर हम करें
gurudeenverma198
मुस्कराना
मुस्कराना
Neeraj Agarwal
Loading...