Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2022 · 1 min read

कहां से दुआओं में असर आए।

अपनी जिन्दगी का एक उसूल है।
जो भी खुदा से मिले वो कबूल है।।1।।

काफिरों से जा कर कोई कह दो।
इक मुहम्मद ही खुदा के रसूल है।।2।।

उनकी यादो में दिल बड़ा रोता है।
पुराने ज़ख्म ए इश्क हुए नासूर है।।3।।

इब्तिदाए इश्क नज़रों से होता है।
इस दिल का क्या इसमें कुसूर है।।4।।

जहां में कमी हर इंसा में होती है।
तभी तो वह बे वफा हमें मंजूर है।।5।।

कहां से दुआओं में असर आए।
जब जिन्दगी गुनाहों में मशगूल है।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

3 Likes · 1 Comment · 176 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all
You may also like:
आज के समाज का यही दस्तूर है,
आज के समाज का यही दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
भूल गई
भूल गई
Pratibha Pandey
सोचता हूँ  ऐ ज़िन्दगी  तुझको
सोचता हूँ ऐ ज़िन्दगी तुझको
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम ।
मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम ।
sushil sarna
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
Surinder blackpen
दोहावली
दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
हमारा चंद्रयान थ्री
हमारा चंद्रयान थ्री
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
11-कैसे - कैसे लोग
11-कैसे - कैसे लोग
Ajay Kumar Vimal
मैं अक्सर तन्हाई में......बेवफा उसे कह देता हूँ
मैं अक्सर तन्हाई में......बेवफा उसे कह देता हूँ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"तलाश में क्या है?"
Dr. Kishan tandon kranti
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
गुमनाम 'बाबा'
कहानी-
कहानी- "खरीदी हुई औरत।" प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
करूण संवेदना
करूण संवेदना
Ritu Asooja
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
शोभा कुमारी
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
Ajad Mandori
Behaviour of your relatives..
Behaviour of your relatives..
Suryash Gupta
कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भुलाया ना जा सकेगा ये प्रेम
भुलाया ना जा सकेगा ये प्रेम
The_dk_poetry
मॉडर्न किसान
मॉडर्न किसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
खुद निर्जल उपवास रख, करते जो जलदान।
खुद निर्जल उपवास रख, करते जो जलदान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
..
..
*प्रणय प्रभात*
#Dr Arun Kumar shastri
#Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रंग जीवन के
रंग जीवन के
kumar Deepak "Mani"
I guess afterall, we don't search for people who are exactly
I guess afterall, we don't search for people who are exactly
पूर्वार्थ
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
कवि दीपक बवेजा
शीर्षक – फूलों सा महकना
शीर्षक – फूलों सा महकना
Sonam Puneet Dubey
आब-ओ-हवा
आब-ओ-हवा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Loading...