कहने को आज है एक मई,
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कहने को आज है एक मई,
श्रामिक दिवस का शोर भई।
मंहगाई से बढ़े रोज खई।
सब खुशियां घर से रूठ गई।
यदि श्रमिक दिवस मानना है,
सन्साधन भी दिलवाना है।
परेशानी से भरपूर हैं ये।
निज देश के मजदूर हैं ये।
श्रमिक दिवस विशेष
01.05.23
कहने को आज है एक मई,
श्रामिक दिवस का शोर भई।
मंहगाई से बढ़े रोज खई।
सब खुशियां घर से रूठ गई।
यदि श्रमिक दिवस मानना है,
सन्साधन भी दिलवाना है।
परेशानी से भरपूर हैं ये।
निज देश के मजदूर हैं ये।
श्रमिक दिवस विशेष
01.05.23