Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2017 · 2 min read

कविताएँ

वक्त की हुंकार

यह कैसी वक्त की हुंकार मिलती है |
हो रही मानवता तार –तार मिलती है ||

मेरे बेटों –बहुओं से मुझे बचाओ तुम |
बेचारी करती बूढ़ी माँ पुकार मिलती है ||

आश्वासनों की घुट्टी जनता को पिला-पिला |
सत्ता शिलान्यासों से ही करती उधार मिलती है ||

दहेज-लोभियों के घर में आजकल |
बेचारी बेटी भोगती कारागार मिलती है ||

कभी सूखे कभी बाढ़ से कराहती हुई |
आज धरती उगलती अंगार मिलती है ||

सिसकती सरगोशियों का मंजर लिए हुए
पतझड़ के दामन में बहार मिलती है ||

रातों-रात अमीर बनने की हसरत लिए हुए |
युवा-शक्ति शार्टकट की शिकार मिलाती है ||

फन फैलाये आंतकवाद की जहरीली सर्पिणी|
देश-दुनिया डसने को तैयार मिलती है ||

मर गये स्वप्न सारे उम्र की दहलीज पर |
बोझ ढोती पीठ बूढ़ी लाचार मिलती है ||

‘दर्द’ की कलम लिखकर कड़वा सच आज का |
दुनियावालों को करती ख़बरदार मिलती है ||

मुस्कुराना चाहिए
मुश्किलें हों लाख फिर भी मुस्कुराना चाहिए |
आदमी को आदमी के काम आना चाहिए ||

बहकावे में आ भटक गये हैं जो अपनी राह से |
उंगली पकड़कर फिर उन्हें राह पे लाना चाहिए ||

सदियों से पसरा है यहाँ खौफ एक अंधेर का |
एक दीया उस दहलीज पर जलाना चाहिए ||

अपने ही थे वो लोग जो बैरी बने बैठे हैं |
पयाम दोस्ती का उस ओर जाना चाहिए ||

बाद में आती हैबात अपने अधिकार की |
फर्ज अपना यार मेरे पहले निभाना चाहिए ||

नायाब तोहफा है खुदा का यह जो मिली जिन्दगी |
इसका एक-एक पल काम आना चाहिए ||

धारा की दिशा में बहती हैं मरी मछलियाँ |
जिंदादिली को भंवर में आजमाना चाहिए ||

छीनता है जो रोटियां मुफलिसों के हाथ से |
कटघरे में बेनकाब कर दिखाना चाहिए ||

शूरवीरों-दानवीरों की गाथाओं से भरी |
दर्द किताबों में अपना नाम आना चाहिए ||

Language: Hindi
Tag: कविता
321 Views
You may also like:
कितना मुझे रुलाओगे ! बस करो
कितना मुझे रुलाओगे ! बस करो
D.k Math { ਧਨੇਸ਼ }
मांगू तुमसे पूजा में, यही छठ मैया
मांगू तुमसे पूजा में, यही छठ मैया
gurudeenverma198
शिवराज आनंद/Shivraj Anand
शिवराज आनंद/Shivraj Anand
Shivraj Anand
मैं होता डी एम
मैं होता डी एम
Satish Srijan
हम आज भी
हम आज भी
Dr fauzia Naseem shad
मेरे पास है (हिंदी गजल/गीतिका)
मेरे पास है (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
विकसित भारत का लक्ष्य India@2047 । अभिषेक श्रीवास्तव ‘शिवा’
विकसित भारत का लक्ष्य India@2047 । अभिषेक श्रीवास्तव ‘शिवा’
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
मोहब्ब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
मोहब्ब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
Shubham Pandey (S P)
गीत-1 (स्वामी विवेकानंद जी)
गीत-1 (स्वामी विवेकानंद जी)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Advice
Advice
Shyam Sundar Subramanian
■ राज़_की_बात
■ राज़_की_बात
*Author प्रणय प्रभात*
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
फागुनी है हवा
फागुनी है हवा
surenderpal vaidya
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
Prabhu Nath Chaturvedi
निज धृत
निज धृत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
उम्मीद नहीं थी
उम्मीद नहीं थी
Surinder blackpen
लोग आपन त सभे कहाते नू बा
लोग आपन त सभे कहाते नू बा
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य'
डर को बनाया है हथियार।
डर को बनाया है हथियार।
Taj Mohammad
फकीरे
फकीरे
Shiva Awasthi
खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी
खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
हल्लाबोल
हल्लाबोल
Shekhar Chandra Mitra
बेशक खताये बहुत है
बेशक खताये बहुत है
shabina. Naaz
'तिमिर पर ज्योति'🪔🪔
'तिमिर पर ज्योति'🪔🪔
पंकज कुमार कर्ण
बापू
बापू
Dr. Girish Chandra Agarwal
Chubhti hai bate es jamane ki
Chubhti hai bate es jamane ki
Sadhna Ojha
* सूर्य स्तुति *
* सूर्य स्तुति *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
✍️ 'कामयाबी' के लिए...
✍️ 'कामयाबी' के लिए...
'अशांत' शेखर
💐अज्ञात के प्रति-49💐
💐अज्ञात के प्रति-49💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"नहीं मिलता"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...