कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
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गज़ल
221…..2122….221…..2122
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
इस उम्र में वो आखिर, ढूंढे कहां सहारे।1
जिसने था घर बनाया, उसको जगह नहीं है,
दिल फट रहा है मेरा, मां बाप है तुम्हारे।2
जन्मा था पाला पोसा औ’र जिंदगी सॅंवारी,
जब बन गये हो काबिल, उनको ही तुम बिसारे।3
थोड़ा सा प्यार थोड़ी, मनुहार दीजिए बस,
ये वक्त है उन्हें दो तुम प्यार के फुहारे।4
दिल को शुकूं मिलेगा, उनको भी और तुमको,
जीवन के दिन बचे जो बच्चों के सॅंग गुजारे।5
जिनके नहीं पिता मां, क्या उनका दर्द पूछो,
बचपन में साथ छूटा, जो आंख के थे तारे।6
मुमकिन नहीं है दुनियां में प्यार उन सा पाना,
ऐसा न कोई प्रेमी, दुनियां से वो थे प्यारे।7
………….✍️ सत्य कुमार प्रेमी