कर दिया है राम,तुमको बहुत बदनाम
कर दिया है राम,तुमको बहुत बदनाम।
तेरे ही भक्तों ने, करके ऐसे बदकाम।।
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम।
कर दिया है राम———————-।।
राम तुम्हारे देखो, ये कैसे भक्त है।
कितने बेशर्म, और कितने सख्त है।।
जिनमें नहीं है दया, और मानवता।
करते हैं बलवें- झगड़ें,लेकर तेरा नाम।।
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम।
कर दिया है राम——————–।।
कितनी भद्दी गालियां, तेरे भक्त देते हैं।
राख ये बस्तियां, लोगों की करते हैं।।
लड़ाते हैं आपस में, ये लोगों को।
करते हैं मस्तियाँ ये, पीकर सुरा जाम।।
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम।
कर दिया है राम——————–।।
तेरी तरहां आदर्श पुत्र, तेरे भक्त नहीं है।
तेरी तरहां देशभक्त, तेरे भक्त नहीं है।।
आततायी रावण जैसे, ये तेरे भक्त है।
बगल में छुरी है जिनके, मुँह पर राम।।
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम।
कर दिया है राम ———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)