Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2023 · 1 min read

ज़रा सी बात पे तू भी अकड़ के बैठ गया।

ग़ज़ल

काफिया- अड़ की बंदिश
रद़ीफ- बैठ गया

1212/1122/1212/22
ज़रा सी बात पे तू भी अकड़ के बैठ गया।
ख़ुदा के नाम पे तू क्यों झगड़ के बैठ गया।1

हमारे देश का माहौल है सियासी बहुत,
जो बेवज़ह ही जहां चाहा लड़ के बैठ गया।2

ये बात उसकी कहां थी उसे बताओ कभी,
जफ़ा के नाम पे वो सिर पे चढ़ के बैठ गया।3

शरीफ़ आदमी के बस की राजनीति कहां,
चुनाव होने के पहले वो हड़ के बैठ गया।4

ये इश्क मुश्क भी है सबके बस की बात नहीं,
न कुछ हुआ तो वो चुपचाप तड़ के बैठ गया।5

……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी

96 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
Ajay Shekhavat
आप जितने सकारात्मक सोचेंगे,
आप जितने सकारात्मक सोचेंगे,
Sidhartha Mishra
उसको भी प्यार की ज़रूरत है
उसको भी प्यार की ज़रूरत है
Aadarsh Dubey
"दूल्हन का घूँघट"
Ekta chitrangini
'बंधन'
'बंधन'
Godambari Negi
💐अज्ञात के प्रति-118💐
💐अज्ञात के प्रति-118💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
केवल आनंद की अनुभूति ही जीवन का रहस्य नहीं है,बल्कि अनुभवों
केवल आनंद की अनुभूति ही जीवन का रहस्य नहीं है,बल्कि अनुभवों
Aarti Ayachit
पितृ नभो: भव:।
पितृ नभो: भव:।
Taj Mohammad
सुन सको तो सुन लो
सुन सको तो सुन लो
Shekhar Chandra Mitra
पुस्तक
पुस्तक
जगदीश लववंशी
बुलेटप्रूफ गाड़ी
बुलेटप्रूफ गाड़ी
Shivkumar Bilagrami
अश्रुपात्र... A glass of tears भाग - 4
अश्रुपात्र... A glass of tears भाग - 4
Dr. Meenakshi Sharma
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मुझे फ़िक्र है तुम्हारी
मुझे फ़िक्र है तुम्हारी
Dr fauzia Naseem shad
सितम ढाने का, हिसाब किया था हमने,
सितम ढाने का, हिसाब किया था हमने,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
चलती जग में लेखनी, करती रही कमाल(कुंडलिया)
चलती जग में लेखनी, करती रही कमाल(कुंडलिया)
Ravi Prakash
उधार और मानवीयता पर स्वानुभव से कुछ बात, जज्बात / DR. MUSAFIR BAITHA
उधार और मानवीयता पर स्वानुभव से कुछ बात, जज्बात / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
पटेबाज़
पटेबाज़
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नींद और ख्वाब
नींद और ख्वाब
Surinder blackpen
मोरे मन-मंदिर....।
मोरे मन-मंदिर....।
Kanchan Khanna
#एहतियातन...
#एहतियातन...
*Author प्रणय प्रभात*
नदियां जो सागर में जाती उस पाणी की बात करो।
नदियां जो सागर में जाती उस पाणी की बात करो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
गरीब की मौत
गरीब की मौत
Alok Kumar Vaid
*धन्यवाद*
*धन्यवाद*
Shashi kala vyas
बना लो कविता को सखी
बना लो कविता को सखी
Anamika Singh
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हसरतों के गांव में
हसरतों के गांव में
Harminder Kaur
बेटियों तुम्हें करना होगा प्रश्न
बेटियों तुम्हें करना होगा प्रश्न
rkchaudhary2012
# होड़
# होड़
Dheerja Sharma
"बुराई की जड़"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...