ऐ दिल तु ही बता दे
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ऐ दिल तू ही बता दे,
हम कैसे मुस्कुराएँ।
पत्थर की है दुनिया ,
और मतलबी हैं साए l।
दिल किसको मैं दे दूं,
सब मुझे ही सताए।
किसको अपना कह दूं
सब अपना मुझे बताए।।
लगता न कोई अपना,
दिखते हैं सब पराए।
फिर भी हुआ तू उनका
अब तक समझ न पाए l।
हमे अपनो ही सताया है,
वक्त पर कोई काम न आया।
करे तो करे इस वक्त में हम,
जब अपनो ही मूंह छिपाया है।।
ऐ सनम तू ही बता दे,
तेरे पास हम कैसे आए।
सबकी निगाह है मुझ पर,
राह में रोड सबने बिछाये।।
कभी उसे मेरा घर ना मिला,
कभी मै उसे घर पर ना मिली।
मै जिंदगी भर भटकती रही,
चलता रहा हमारा ये सिलसिला।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम