ऐसा खेलना होली तुम अपनों के संग ,

ऐसा खेलना होली तुम अपनों के संग ,
कभी ना उतरे चेहरे से होली का ये रंग
जमाने में हो ,चाहे लाखो रंग बिरंगे रंग
साथ निभाना ऐसा दिया बाती का संग
✍️कवि दीपक सरल
ऐसा खेलना होली तुम अपनों के संग ,
कभी ना उतरे चेहरे से होली का ये रंग
जमाने में हो ,चाहे लाखो रंग बिरंगे रंग
साथ निभाना ऐसा दिया बाती का संग
✍️कवि दीपक सरल