एक गजल
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इक बूंद ही पिला दो तिश्नगी है अभी।
हाले दिल पूछ लो आके जिंदगी है अभी।।
बाद दरिया बहाने से क्या फायदा।
अधरो पे प्यास बाकी है अभी।।
जलाया है चिरागे इश्क तेरे इंतजार मैं।
आ भी जाओ अब दिले रोशन है अभी।।
बाद पतझड़ में आने से क्या फायदा।
गुलों को देख लो बागवां में बहार हैं अभी।।
मुझको करोगे याद मेरे जाने के बाद।
आकर के देख लो मेरी चाहत है अभी।।
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।
मर्ज है तो दर्दे दिल की दवा दो अभी।।
बाद शम्मा जलाने से क्या हासिल।
रोशन करो चिराग अंधेरा है अभी।।
उमेश मेहरा
गाडरवारा (एम पी)