*एक कवि-गोष्ठी यह भी (हास्य कुंडलिया)*
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/83b83307e778d253ac621fc3617ee3db_0762e92b29d94543704a29fcc268cb04_600.jpg)
एक कवि-गोष्ठी यह भी (हास्य कुंडलिया)
________________________________
रसगुल्ला रस का भरा ,यह है हास्य-प्रतीक
मठरी में है वीरता , ओजस्वी यह ठीक
ओजस्वी यह ठीक , सोन-पपड़ी इतराती
बर्फी आती रोज , सामयिक गीत सुनाती
कहते रवि कविराय,समोसा खुल्लम-खुल्ला
गायक सदाबहार , मात देता रसगुल्ला
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451