Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Aug 2016 · 1 min read

“इन्कलाब लिखता हूँ “

ग़ज़ल लिखने की एक छोटी सी कोशिश

“इन्कलाब लिखता हूँ ”

ग़मज़दा होता हूँ जब कभी
अपने जज़्बात लिखता हूँ मैं

अन्दर से टूटने लगता हूँ जब भी
अपने अधूरे ख्वाब लिखता हूँ मैं

सोचता हूँ बैठकर हासिल क्या है
मेरी की हुई कोशिशें लिखता हूँ मैं

डूबता हूँ तनहाइयों में ग़र कभी
सोचों का समंदर लिखता हूँ मैं

खुश हो जाता हूँ थोड़ी सी ख़ुशी में
बस अपनी मुस्कान लिखता हूँ मैं

पूछते हैं सब ये क्या लिखते हो ‘कुमार’
मैं बोला कलम से इन्कलाब लिखता हूँ मैं

“सन्दीप कुमार”

432 Views
You may also like:
रंग बरसे
रंग बरसे
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
सूरज को ले आता कौन?
सूरज को ले आता कौन?
AJAY AMITABH SUMAN
क्रांति के रागिनी
क्रांति के रागिनी
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
“ आलोचना ,समालोचना और विश्लेषण”
“ आलोचना ,समालोचना और विश्लेषण”
DrLakshman Jha Parimal
मुझे चांद का इंतज़ार नहीं
मुझे चांद का इंतज़ार नहीं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
रावण पुतला दहन और वह शिशु
रावण पुतला दहन और वह शिशु
राकेश कुमार राठौर
🌺🌺मैंने छिपकर कई बार देखा तुम्हें🌺🌺
🌺🌺मैंने छिपकर कई बार देखा तुम्हें🌺🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अजनबी सा लगता है मुझे अब हर एक शहर
अजनबी सा लगता है मुझे अब हर एक शहर
'अशांत' शेखर
नायिका की सुंदरता की उपमाएं
नायिका की सुंदरता की उपमाएं
Ram Krishan Rastogi
कहां गये हम
कहां गये हम
Surinder blackpen
३५ टुकड़े अरमानों के ..
३५ टुकड़े अरमानों के ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
Good things fall apart so that the best can come together.
Good things fall apart so that the best can come...
Manisha Manjari
My Expressions
My Expressions
Shyam Sundar Subramanian
★ जो मज़ा तेरी कातिल नजरों के नजारों में है। ★
★ जो मज़ा तेरी कातिल नजरों के नजारों में है।...
★ IPS KAMAL THAKUR ★
जीवन का जीवन पर
जीवन का जीवन पर
Dr fauzia Naseem shad
*गर्वित हो शीश उठे न कभी,नत मस्तक शिष्टाचार रहे (सवैया)*
*गर्वित हो शीश उठे न कभी,नत मस्तक शिष्टाचार रहे (सवैया)*
Ravi Prakash
लोग समझते क्यों नही ?
लोग समझते क्यों नही ?
पीयूष धामी
तुझमें वह कशिश है
तुझमें वह कशिश है
gurudeenverma198
#दोहा / प्रार्थना
#दोहा / प्रार्थना
*Author प्रणय प्रभात*
देख रहा था
देख रहा था
Mahendra Narayan
प्यार
प्यार
Satish Srijan
~रेत की आत्मकथा ~
~रेत की आत्मकथा ~
Vijay kannauje
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Sakshi Tripathi
रावण का प्रश्न
रावण का प्रश्न
Anamika Singh
देवता कोई न था
देवता कोई न था
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
Shivam Sharma
🌹खिला प्रसून।
🌹खिला प्रसून।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तथागत प्रीत तुम्हारी है
तथागत प्रीत तुम्हारी है
Buddha Prakash
चमकना है सितारों सा
चमकना है सितारों सा
कवि दीपक बवेजा
Loading...