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21 Dec 2022 · 1 min read

आ जाते जो एक बार

आ जाते जो एक बार…….

आ जाते जो एक बार
आनंदित सा हो मन
मिट जाते अवसाद
आ जाते जो एक बार

परे निर्बल मरुस्थल
स्नेह का गहरा सागर
वो बहता अभिसार
आ जाते जो एक बार

विरह निशि को मद्धम
कर तीव्र हो उठता
मिलन मधुर उजास
आ जाते जो एक बार

गा लेता प्राणों का तार
अनुराग भरा राग
आ जाते जो एक बार

छूता अधरों को स्नेह
दूर हो जाते विषाद
आ जाते जो एक बार

निर्बल होती प्राचीर
परे बैर तिरस्कार
आ जाते जो एक बार

मन के तार झंकृत
करके गूँजता प्रेम
से संचित मधुर राग
आ जाते जो एक बार

कणकण जगमग
श्वेत लौ से रोशन
घर आँगन निवास
आ जाते जो एक बार

होते सजल शुष्क
नयन हर्ष अपार
आ जाते जो एक बार

✍️””कविता चौहान
स्वरचित एवं मौलिक

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