Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2023 · 1 min read

आस्था और भक्ति की तुलना बेकार है ।

आस्था और भक्ति की तुलना बेकार है ।
इस रस का स्वाद घंटियों के कोलाहल , मंत्रों के उच्चारण , धर्म ग्रंथों के पठन और एकांत की एकाग्रता में सर्वथा एक समान ही है ।
” वस्तुतः पहुँचना तो हमें ईश्वर तक ही होता है ।”
सीमा वर्मा
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

84 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from Seema Verma

You may also like:
तसल्ली मुझे जीने की,
तसल्ली मुझे जीने की,
Vishal babu (vishu)
बुलेट ट्रेन की तरह है, सुपर फास्ट सब यार।
बुलेट ट्रेन की तरह है, सुपर फास्ट सब यार।
सत्य कुमार प्रेमी
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
Girvi rakh ke khud ke ashiyano ko
Girvi rakh ke khud ke ashiyano ko
Sakshi Tripathi
तेरे बग़ैर ये ज़िंदगी अब
तेरे बग़ैर ये ज़िंदगी अब
Aksharjeet Ingole
तुम पलाश मैं फूल तुम्हारा।
तुम पलाश मैं फूल तुम्हारा।
Dr. Seema Varma
नर्क स्वर्ग
नर्क स्वर्ग
Bodhisatva kastooriya
उद् 🌷गार इक प्यार का
उद् 🌷गार इक प्यार का
Tarun Prasad
মানুষ হয়ে যাও !
মানুষ হয়ে যাও !
Ahtesham Ahmad
रे, मन
रे, मन
Chunnu Lal Gupta
पुत्र एवं जननी
पुत्र एवं जननी
रिपुदमन झा "पिनाकी"
आया फागुन (कुंडलिया)
आया फागुन (कुंडलिया)
Ravi Prakash
एक था वृक्ष
एक था वृक्ष
सूर्यकांत द्विवेदी
*सूनी माँग* पार्ट-1 - कहानी लेखक: राधाकिसन मूंधड़ा, सूरत, गुजरात।
*सूनी माँग* पार्ट-1 - कहानी लेखक: राधाकिसन मूंधड़ा, सूरत, गुजरात।
Radhakishan Mundhra
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
_सुलेखा.
मार्मिक फोटो
मार्मिक फोटो
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हम आम से खास हुए हैं।
हम आम से खास हुए हैं।
Taj Mohammad
जिसे ये पता ही नहीं क्या मोहब्बत
जिसे ये पता ही नहीं क्या मोहब्बत
Ranjana Verma
मैं उसी पल मर जाऊंगा ,
मैं उसी पल मर जाऊंगा ,
श्याम सिंह बिष्ट
"हंस"
Dr. Kishan tandon kranti
🪔सत् हंसवाहनी वर दे,
🪔सत् हंसवाहनी वर दे,
Pt. Brajesh Kumar Nayak
💐अज्ञात के प्रति-147💐
💐अज्ञात के प्रति-147💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
स्थायित्व कविता
स्थायित्व कविता
Shyam Pandey
कौन सोचता....
कौन सोचता....
डॉ.सीमा अग्रवाल
चोर
चोर
Shyam Sundar Subramanian
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब तक नहीं है पास,
जब तक नहीं है पास,
Satish Srijan
The Digi Begs [The Online Beggars]
The Digi Begs [The Online Beggars]
AJAY AMITABH SUMAN
अखबार
अखबार
लक्ष्मी सिंह
मैंने खुद को बदल के रख डाला
मैंने खुद को बदल के रख डाला
Dr fauzia Naseem shad
Loading...