आप तो आप ही हैं
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आपका क्या कहना, आप तो आप हैं
दिखते भी बड़े पाक साफ हैं
आपको देखते ही, भ़ष्टाचार का भूत भाग गया
ईमानदारी का हरीशचंद्र, दिल्ली में जाग गया
आपके पीछे पीछे, पंजाब तक पहुंच गया
पंजाब में भी भ़ष्टाचार मिट गया,करतब पूरे मीडिया में छा गया
जब भी टी बी खोलो,आप ही आप दिखते हैं
अखबारों में आपके चमत्कार छपते हैं
काम करोड़ का,बताने में बीस करोड़ लगते हैं
धन्य है आप की बलिहारी है,प़चार आप का माल सरकारी है
बाह बाह भाई साहब, आप बड़े चमत्कारी हैं
बिजली पानी गाड़ी सब फ़ी, कितने परोपकारी हैं
धन्य हो भाई साहब, न न करते हुए आपने सब कुछ ले लिया
आपने तो बंगले की जगह बड़ा सा महल ले लिया
गाड़ियों की तो छोड़िए भाई साहब,जेट को स्कूटर कर दिया
सुना है उसमें, बड़ा सा स्वीमिंगपूल बनबा लिया
सही बात है भाई साहब,
आप आम आदमी का बहुत काम करते हैं
हार थक कर स्वीमिंगपूल में पड़े रहते हैं
अब इतनी हाड़ तोड़ मेहनत का इतना तो बनता है
विरोधी कुछ भी कहें, राजनीति में सब चलता है
अरे हां भाई साहब,लोग लोकपाल की बात करते हैं
सात साल से नहीं बना, शिकायत करते हैं
आम जन विरोधियों के अड़ंगे कहां समझते हैं
पर आप तो बड़े समझदार हैं,लोक पाल मत बनाइए
लोगों को चिल्लाने दीजिए, आप तो बिंदास चलाइए
लोग तो हमेशा अच्छे कामों में टांग अड़ाते हैं
खामहखां जांचों में उलझाते हैं
टी बी अखबार आपके चमत्कारी कारनामे दिखा रहे हैं
अरे साहब आपका क्या कहना, आप तो आप ही हैं
आपके कुर्सी पर बैठते ही,भ़ष्टाचार छू मंतर
सारी समस्याएं जड़ से खत्म,कथनी करनी में नहीं है अंतर
आपके आते ही बीमारियां भाग जाती हैं
मोहल्ला क्लीनिक में बड़ी बड़ी ठीक हो जातीं
आप कौंनसा जानते हैं जादू मंतर
आपका क्या कहना, आप तो आप ही हैं
आपके आते ही, पंजाब ठीक हो गया
भगबंत मान जी,पूरे देश में दिख गया
आपके विज्ञापनों से,सारा देश भर गया
आपका सारा काम, विज्ञापन से ही हो जाता है
आपको कोई अलादीन का चिराग मिल गया
अब आप पूरे देश पर मार दीजिए जादू मंतर
चला दीजिए घोड़ों की जगह खच्चर
सबको बर्लड क्लास शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार
रहने को बर्लड क्लास हाई फाई आबास
चलने को हबाई जहाज
क्योंकि आप नहीं करते अमीर गरीब में अंतर
जो सुबिधाएं आप को मिल रहीं हैं
ख़बरें छन छन कर आ रहीं हैं
हम सब भी लालायित हैं
सबको दे दीजिए, थोड़ा जल्दी कीजिए
खत्म न हो जाए जादू का असर
क्योंकि आप तो आप हैं, करते नहीं पाप हैं
पर सोचिए जनाब, जल्दी पूरा करो आम जन ख्वाब
कहीं हो न जाना वे नक़ाब
इससे पहले मंतर मार दीजिए
दिल्ली पंजाब क्या पूरे मुल्क पर राज कीजिए
क्योंकि आप तो आप ही हैं
दिखते बड़े पाक साफ हैं
जलाइए विज्ञापन का चिराग, लगा दीजिए आग
लूट लीजिए फिर से कोई बड़ा बाग
क्योंकि आप तो आप ही हैं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी