आदमी को आदमी से
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गीत..
आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए।
भावना से युक्त हर उद्गार होना चाहिए।।
कोशिशें ऐसी करें सब आदमी होकर रहें।
ये भले हैं वो भले हैं बस यही सबसे कहें।
दुर्गुणों से हीन सुचि आचार होना चाहिए।
आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए।।
ना करे कोई यहाँ पर संपदाओं का हरण।
हो युगों के चेतना की श्रेष्ठताओं का वरण।।
वेदना का फिर नहीं व्यापार होना चाहिए।
आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए।।
जो धनी संभ्रान्त हैं सद्भावना से पूर्ण हों।
दीन निर्धन के नहीं सपने सुनहरे चूर्ण हो।।
एकता का देश में त्यौहार होना चाहिए।
आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए।।
ना जले कोई कहीं मद द्वेष के यूँ ताप से।
जंग हो ना विश्व में फिर दूरियों के नाप से।
शत्रुता से मुक्त यह संसार होना चाहिए।।
आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए।।
आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए।
भावना से युक्त हर उद्गार होना चाहिए।।
डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
(बस्ती उ. प्र.)