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7 Feb 2017 · 1 min read

आखिरी सांस तक रवानी है

आखिरी सांस तक रवानी है।
जिंदगी की यही कहानी है।

जिंदगी का भरोसा क्या करना,
शाख़े गुल है टूट जानी है।

पाल कर रखते दिल में सारा गम,
इश्क़ वालों की ही निशानी है।

रोके जीना भी कैसा जीना है,
हंस के ही रस्म हर निभानी है।

छोड़ दोगे जो तीरगी यारा,
इश्क़ में रुत हरेक सुहानी है।

‘ राज’ दिल में छुपाले जख़्मों को,
रस्मे-उल्फ़त भी तो निभानी है।
——राजश्री——

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