“अहसास”
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/38874b662dea1b63a063165651117a77_c61f898b8cf116b2c54a3e621df19f61_600.jpg)
“अहसास”
न बारिश की बून्दों से धुलता
न समय की रचती धूल
न कोई राज्यादेश का मोहताज
न लागू होता कोई रूल
ये मस्तिष्क पटल पर अंकित रहता है
तारीफ़ न निन्दा सहता है
अहसास ही वो संजीवनी है
जो हर हाल में जिन्दा रहता है।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति