Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2024 · 1 min read

अस्तित्व

पत्थर पर गिरते ही शीशा चूर-चूर होता है ,
और शीशे पर पत्थर पड़ते ही
शीशा चूर-चूर बिखरता है ,

हर बार शीशे को तोड़कर
पत्थर अपनी ह़स्ती जताता है ,
और शीशा हर बार टूटकर यह प्रकट करता है
कि वह टूटने के लिये ही बना है ,

इसी तरह कुछेक पत्थर दिल इंसान
दूसरों के शीशानुम़ा दिल को तोड़कर
अपनी हस्ती काय़म करने की
कोशिश में लगे हुए हैं ,

और कुछेक शीशे का दिल लिये
हर बार टूटते- बिखरते रहते हैं ,
और हमेशा पत्थर से टक्कर लेने की
कोशिश करते रहते हैं ,

उन्हें पता नहीं की टक्कर लेने के लिए
ठोस अस्तित्व की आवश्यकता होती है ,
जिससे उसके टुकड़े अपने अस्तित्व की
रक्षा करते हुए टूटकर बिखरने न पाऐं ,

और उसके लिए आत्मविश्वास से परिपूर्ण
दिल की जरूरत होती है ,

जो पत्थर दिल इंसानों का मनोबल हिला सके ,
उन्हें उनके किये आघातों का अनुभव दिला सके ,

और सिद्ध कर सके कि अब ये शीशेनुमा दिल , पत्थरदिलों का मुकाबला कर सकते हैं ,

तथा उनमे दरार पैदा करके अपनी सामर्थ्य जता सके,
कि अब पत्थरों के दिन पूरे हो चुके हैं ,

और पत्थरों को तोड़ने बिखराने के लिए
मज़बूत दिल शीशे पैदा हो चुके हैं ।

Language: Hindi
1 Like · 102 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
सरस्वती वंदना-4
सरस्वती वंदना-4
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
डी. के. निवातिया
अभाव और साहित्य का पुराना रिश्ता है अभाव ही कवि को नए आलंबन
अभाव और साहित्य का पुराना रिश्ता है अभाव ही कवि को नए आलंबन
गुमनाम 'बाबा'
आप और हम जीवन के सच................एक सोच
आप और हम जीवन के सच................एक सोच
Neeraj Agarwal
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
surenderpal vaidya
नेता
नेता
Raju Gajbhiye
सीप से मोती चाहिए तो
सीप से मोती चाहिए तो
Harminder Kaur
ज़िन्दगी में
ज़िन्दगी में
Santosh Shrivastava
प्रेम सुधा
प्रेम सुधा
लक्ष्मी सिंह
जिंदगी को रोशन करने के लिए
जिंदगी को रोशन करने के लिए
Ragini Kumari
सपनों का राजकुमार
सपनों का राजकुमार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*समझौता*
*समझौता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कुछ अच्छा करने की चाहत है
कुछ अच्छा करने की चाहत है
विकास शुक्ल
गुमराह जिंदगी में अब चाह है किसे
गुमराह जिंदगी में अब चाह है किसे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*सब से महॅंगा इस समय, पुस्तक का छपवाना हुआ (मुक्तक)*
*सब से महॅंगा इस समय, पुस्तक का छपवाना हुआ (मुक्तक)*
Ravi Prakash
" सब भाषा को प्यार करो "
DrLakshman Jha Parimal
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"ना भूलें"
Dr. Kishan tandon kranti
3087.*पूर्णिका*
3087.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ
कुछ
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
आज जब वाद सब सुलझने लगे...
आज जब वाद सब सुलझने लगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
अंजाम
अंजाम
Bodhisatva kastooriya
उम्मीदें  लगाना  छोड़  दो...
उम्मीदें लगाना छोड़ दो...
Aarti sirsat
बड़ी मुश्किल है
बड़ी मुश्किल है
Basant Bhagawan Roy
तुम भी जनता मैं भी जनता
तुम भी जनता मैं भी जनता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विवशता
विवशता
आशा शैली
लंबा क़ानून
लंबा क़ानून
Dr. Rajeev Jain
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
Neeraj Naveed
Loading...