“अभिमान और सम्मान”
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“अभिमान और सम्मान”
अभिमान तब आता है
जब हमें लगता है
कि हमने कुछ किया।
सम्मान तब मिलता है
जब दुनिया को लगता है
कि आपने कुछ किया।
“अभिमान और सम्मान”
अभिमान तब आता है
जब हमें लगता है
कि हमने कुछ किया।
सम्मान तब मिलता है
जब दुनिया को लगता है
कि आपने कुछ किया।