अबके तीजा पोरा
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अबके तीजा पोरा
पहिली के प्रेम प्रीत ,निच्चट सिरागे
आठे मनाबो, तहां ,तीजा ह आगे।।
घरो घर जावय अऊ करूं बात खावय
पोरा पटकई ह अब, घलो नंदागे
पहिली के प्रेम प्रीत निच्चट सिरागे
एक झन के बेटी,अऊ गांव भर के हीरा
बासी खवई ल बिल्कुल भुलागे
पहिली के प्रेम प्रीत निच्चट सिरागे
घरो घर जावय अऊ फेकत ले खावय
लुगरा देखाय म अब टोटका समागे
पहिली के प्रेम प्रीत निच्चट सिरागे
कब आही ददा कहिके करय अगोरा
जल्दी तै आबे रे तीजा अऊ पोरा
अब तो मोबाइल म गोठ है सिरागे
पहिली के प्रेम प्रीत निच्चट सिरागे
चुड़ी फुंदरी माहुर टिकली
लुगरा लेवय दाई
गहना गुरिया बाप बनवावय
पैसा देवय भाई
लईका के पढई म अब तीजा भुलागे
पहिली के प्रेम प्रीत निच्चट सिरागे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग