अपना मन
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आने वाले समय से ,
हम सब ही अनजान,
कभी , खयालों में,
होती है ,
इसकी कुछ पहचान।
आने वाले वक्त को,
लेकर,
हम, होते भयभीत,
इसीलिए तो,
वर्तमान भी,
यो ही जाता,बीत,
इतनी ज्यादा,
चिंता, दुविधा,
इतनी ज्यादा,
सोच,
वर्तमान की,
सुन्दरता को,
खा जाती है ,नोच।
सजग रहे हम,
रहे जागरूक,
मिनट मिनट की,
बात,
रहे संतुलित जीवन
अपना,
नहीं खायेंगे मात।