अक्षय तृतीया
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/e3f297e5ed714fa2f3f8c94002ca63b0_b817f8eabdfa3019b7a9aa9a785b40d8_600.jpg)
पुण्य कार्य की अक्षय फल दाता, मंगल शुभ अक्षय तृतीया है
शुभ कार्यों का शुभ मुहूर्त,मंगलमयी अक्षय तृतीया है
जप तप दान के संचय की, मंगलमय अक्षय तृतीया है
सबसे श्रेष्ठ दान जग में,अक्षय तृतीया प्रेरित करती है
मानवता के लिए श्रेष्ठ, रचने को उद्धत रहती है
अक्षय पुण्य अक्षय उर्जा, शुभ कर्मों की शुरुआत है
पर स्वार्थ में जगने की, बहुत बड़ी सौगात है
परहित समान ना धर्म कोई, पर पीड़ा हरने की बात है
यही अक्षय भंडार परम धन, नहीं धन-संपत्ति संचय की बात है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी