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21 Feb 2017 · 1 min read

~~अंदर के रावण को जलाओ ~~

जलाओ उस पुतले को,
पर समझाओ अन्तेर्मन को
न करे बुरे काम
रखे सब का ध्यान
तभी बनेगा देश महान
नहीं जो बनता रहेगा ..शमशान

उस की चिता को जलाकर
अपने अहंकार को जला दो
आने वाले नव वर्ष में
खुद अपने को और समझा लो
देश में खुशहाली रहे
ऐसा देश को चमन बन दो
बुरी पर जीत होती है
ऐसा घर घर में जाकर बतला दो
मनाओ धूम धाम से त्यौहार
किसी घर में रहे कोई बीमार
अँधेरे में जाकर खुद तुम दिए जला दो
इक नई सुबह को फिर से ट्रूम बुला लो
नारी शक्ति का अब सम्मान करो
नारी पर हर कोई विश्वाश करो
नई दिशा वो देगी सब को
उस के सम्मान में यारो चिराग जला दो
यह विजय दशमी का त्यौहार
दिल से मिला कर दिल तुम मन लो
जिन्दा रहे न अहंकार का रावण दिल में किसी के भी
उस को अपने हाथो से खुद ही जला दो !!

जय श्री राम, बोलो सिया बल रामचंद्र भगवान् की जय

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
Tag: कविता
295 Views

Books from गायक और लेखक अजीत कुमार तलवार

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