मेरा बचपन
वो बस्ता लेकर भागना
सखी सहेलियों से
कानाफूसियाँ
भागदौड में
चप्पल टूटना
नाश्ते के डब्बे
कपड़ो पर स्याही के धब्बे
माँ से छुपाना
ओक लगाकर पानी पीना
खेल की छुट्टी में
बेतहाशा दौड़ना
घुटनों को तोडना
कपड़ों की बाँह से
पसीना पोंछना
किराए की साईकल
के लिए लडना -झगडना
छुप्पन-छुपाई ,गिल्ली -डंडा
सितौलिया ,भागमभाग
न ट्यूशन का टेंशन
न पहला नंबर लाने का झंझट
कितना प्यारा था मेरा बचपन
अब इस आधुनिकता की दौड़ में
कहाँ खो गया ये सब
आज के बच्चों का तो
जैसे छिन सा गया बचपन ।