Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2016 · 1 min read

तनहाई

क्यूँ समझती है तेरे बिन यहाँ तनहाई नही है।
बिस्तर तो है मखमल का, मगर चारपाई नही है ।

कभी अपने आप से सवालात किया करता हूँ ।
कभी तेरी तसवीर से ये बात किया करता हूँ ।
है कौन सी वो दास्ताँ ,जो तुझे सुनाई नही है ।
बिस्तर तो है मखमल का, मगर चारपाई नही है ।

मुरझाए दो फूल हैं ,खिलें तो कैसे खिलें ।
मै यहाँ हूँ तू वहाँ है मिले तो कैसे मिले ।
आँगन की इस धूप में तेरी परछाँई नही है ।
बिस्तर तो है मखमल का, मगर चारपाई नही है ।

मेरे गाँव की वो बाग, जिसमें कोयल कोई गाती थी
आम का वो पेड जहाँ तू झूला झूलने आती थी ।
शहर में वो बाग और अमराई नही है
बिस्तर तो है मखमल का, मगर चारपाई नही है ।

…….मुकेश पाण्डेय

Language: Hindi
1 Like · 623 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भूख
भूख
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
श्याम सिंह बिष्ट
माँ (खड़ी हूँ मैं बुलंदी पर मगर आधार तुम हो माँ)
माँ (खड़ी हूँ मैं बुलंदी पर मगर आधार तुम हो माँ)
Dr Archana Gupta
"जुदा"
Dr. Kishan tandon kranti
कविता -
कविता - "बारिश में नहाते हैं।' आनंद शर्मा
Anand Sharma
एक पीर उठी थी मन में, फिर भी मैं चीख ना पाया ।
एक पीर उठी थी मन में, फिर भी मैं चीख ना पाया ।
आचार्य वृन्दान्त
'सफलता' वह मुकाम है, जहाँ अपने गुनाहगारों को भी गले लगाने से
'सफलता' वह मुकाम है, जहाँ अपने गुनाहगारों को भी गले लगाने से
satish rathore
हम रहें आजाद
हम रहें आजाद
surenderpal vaidya
2710.*पूर्णिका*
2710.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*देश के  नेता खूठ  बोलते  फिर क्यों अपने लगते हैँ*
*देश के नेता खूठ बोलते फिर क्यों अपने लगते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क्या सत्य है ?
क्या सत्य है ?
Buddha Prakash
सच में शक्ति अकूत
सच में शक्ति अकूत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बीत जाता हैं
बीत जाता हैं
TARAN VERMA
गुलामी के कारण
गुलामी के कारण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
💐💐दोहा निवेदन💐💐
💐💐दोहा निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Jo Apna Nahin 💔💔
Jo Apna Nahin 💔💔
Yash mehra
💐प्रेम कौतुक-375💐
💐प्रेम कौतुक-375💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"नए सवेरे की खुशी" (The Joy of a New Morning)
Sidhartha Mishra
Bhagwan sabki sunte hai...
Bhagwan sabki sunte hai...
Vandana maurya
सुलगते एहसास
सुलगते एहसास
Surinder blackpen
#मानो_या_न_मानो
#मानो_या_न_मानो
*Author प्रणय प्रभात*
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
गोधरा
गोधरा
Prakash Chandra
"ताले चाबी सा रखो,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
यही जीवन है
यही जीवन है
Otteri Selvakumar
मैं तो महज एक ख्वाब हूँ
मैं तो महज एक ख्वाब हूँ
VINOD CHAUHAN
*अंतिम समय बीते कहाँ, जाने कहाँ क्या ठौर हो 【मुक्तक】*
*अंतिम समय बीते कहाँ, जाने कहाँ क्या ठौर हो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
प्रेम एक्सप्रेस
प्रेम एक्सप्रेस
Rahul Singh
यायावर
यायावर
Satish Srijan
Loading...